BOOTP का पूरा नाम bootstrap protocol है. यह एक computer networking प्रोटोकॉल है जिसका प्रयोग network में network devices को IP एड्रेस assign करने के लिए किया जाता है. (यह devices को configuration server से automatically आईपी एड्रेस assign करता है.)
दुसरें शब्दों में कहें तो, “यह एक internet प्रोटोकॉल है जिसका प्रयोग client के द्वारा server से IP address को obtain करने के लिए किया जाता है.”
इसे RFC 951 तथा 1084 में define किया गया था. तथा इसका निर्माण RARP (resource address resolution protocol) को replace करने के लिए किया गया था.
bootstrap protocol को यह देखने के लिए बनाया गया था कि किसी कंप्यूटर को boot करने के बाद उसे properly काम करने के लिए किसकी जरूरत होती है.
BOOT.P जो है वह relay agent का प्रयोग करता है. relay agent का प्रयोग कर यह IP routing के द्वारा local network से packet को forward करता है.
BOOT.P, diskless computers (या वह कंप्यूटर जिसे पहली बार boot किया हो) से IP address, subnet mask, router address की सूचना को obtain करता है.
diskless computers से मतलब है कि वह कंप्यूटर जिसमें कोई disk नहीं होती (जैसे:- हार्ड डिस्क, floppy डिस्क आदि). diskless कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम तथा नेटवर्किंग सॉफ्टवेयर ROM में store रहते हैं.
BOOTP को DHCP (dynamic host configuration protocol) ने replace कर दिया है (अर्थात् अब ज्यादातर DHCP का प्रयोग किया जाता है)
DHCP में इससे ज्यादा options होते है तथा ये ज्यादा flexible होता है.
BOOTP काम कैसे करता है
जब BOOTP client start होता है तो इसके पास कोई IP address नहीं होता है. इसलिए यह network में एक message को broadcast करता है इस मैसेज में इसका MAC address भी होता है. इस message को “BOOTP request” कहते है तथा इस request को BOOTP server के द्वारा ले लिया जाता है. इसके बाद सर्वर, client को reply में निम्नलिखित सूचनाएं प्रदान करता है-
- client का IP address, subnet mask, और gateway address.
- IP address और BOOTP server का hostname
- उस सर्वर का IP address जिसके पास boot image होती है.
जब client को BOOTP server की information प्राप्त हो जाती है तब यह TCP/IP protocol stack को configure तथा initialize करता है तथा उसके बाद उस server से connect करता है जिसके पास boot image होती है. client इस boot image को load करता है तथा operating system को start करता है.
Difference between BOOTP and DHCP in hindi
इनके मध्य अंतर को नीचे दिया गया है.
BOOTP | DHCP |
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इसका पूरा नाम bootstrap protocol है | इसका फुल फॉर्म dynamic host configuration protocol है |
यह temporary IP address प्रदान नहीं करता | यह कुछ समय के लिए IP एड्रेस प्रदान करता है. |
ये DHCP clients के साथ compatible नहीं होता. | इसे BOOTP clients के साथ operate कर सकते है. |
mobile devices में IP configuration तथा सूचना को access नहीं कर पाता. | यह mobility को support करता है |
यह diskless computers या workstation को information उपलब्ध कराता है | इसे information को store करने के लिए disks की आवश्यकता होती है |
इसने RARP को replace किया | इसने BOOTP को replace किया |
यह कंप्यूटर को केवल तब ही IP address प्रदान करता है जब वह boot हो रहा होता है. | यह computers को तब IP एड्रेस प्रदान करता है जब ऑपरेटिंग सिस्टम load हो चूका होता है. |
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