Copyright क्या है इसके तहत क्या संरक्षित है?

 


कैसा हो अगर बिना आपको पता लगे कोई आपके original work की copy करके उससे benefit ले रहा हो. दूसरे के लिए भले ही ये फायदेमंद हो परन्तु एक creator के लिए ये अच्छी खबर नही है. “Copyright” एक ऐसा law है, जो इन कार्यो को legally protect करता है ताकि owner’s के rights की सुरक्षा की जा सके. आगे पोस्ट में हम Copyright क्या है? इस विषय को विस्तार से समझेंगे.

आज के digital world में Copyright अत्यधिक important है क्योंकि Internet पर किसी content को reproduce और distribute करना काफी आसान हो गया है. तो Copyright एक creator को उसके कार्य की ownership प्रदान करता है. इसका मतलब है आप अपने कार्य को Intellectual property के रूप में protect कर सकते है. Copyright protection के कई सारे benefits है.

सबसे महत्वपूर्ण ये है कि copyrighted work को सिर्फ copyright holder द्वारा ही use किया जा सकता है. आपके लिए ये जानना जरूरी है कि Copyright के द्वारा किस types के work को protect किया जा सकता है? कॉपीराइट अधिनियम 1957 क्या है? और कॉपीराइट का उल्लंघन कैसे होता है? इन सभी बिंदुओं पर नजर डालने से पहले कॉपीराइट क्या होता है? इसे अच्छे से समझते है.

Copyright एक legal right है, जो किसी person को उसके original work पर ownership प्रदान करता है ताकि वह अपने कार्य को reproduce, publish और sell कर पाए. Copyright law के द्वारा protect किये जाने वाले कार्यो में क्रमशः लेख, वीडियो, संगीत, नाटक, फोटोग्राफ, पेंटिंग, कोरयोग्राफी, साउंड रिकॉर्डिंग, सॉफ्टवेयर और आर्किटेक्चर इत्यादि शामिल है.

Copyright Act 1957 भारत मे copyright law के विषय को नियंत्रित करता है. इसके अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति उसके idea को physically expressed कर दे तो वह उसकी intellectual property मानी जाती है. इसके बाद ऐसे content का duplication और use करना Copyright violation के अंतर्गत आता है.

हालांकि ये समझना महत्वपूर्ण है कि Copyright किसी कार्य के भौतिक रूप को सुरक्षित करता है. ये किसी व्यक्ति के idea, discoveries, concepts और theories को protect नही करता. इसका अर्थ ये हुआ कि किसी व्यक्ति के idea को आप different तरीके से expressed कर सकते है. यही कारण है, कि Copyright protection प्राप्त करने के लिए आपको अपने work को tangible form में fixed करना होता है.

Works जो Copyrighted हो सकते है

वे Creators जो निम्न प्रकार के कार्यो जैसे साहित्य या विभिन्न कलात्मक कार्यो का निर्माण करते है Copyright उन्हें exclusive rights प्रदान करता है. इसके तहत protect किये जाने वाले works में शामिल है.

1) साहित्य कार्य (Literary works): लिखने से सम्बंधित सभी कार्य उदाहरण के लिए Books, poems, articles, novels etc. इसके अंतर्गत आते है

2) संगीत सम्बंधी कार्य (Musical works): संगीतकार द्वारा बनाये musical compositions या songs इसके उदाहरण है.

3) नाटकीय कार्य (Dramatic works): इन कार्यो में plays, dramas, scripts, screenplay etc. शामिल है.

4) कलात्मक कार्य (Artistic work): वे कार्य जो किसी व्यक्ति की creative qualities का परिणाम होते है जैसे- Painting, drawing और sculpture इत्यादि.

5) सिनेमैटोग्राफ फिल्म: इसके अंतर्गत visual recording अर्थात दृश्य रिकॉर्डिंग का कोई भी कार्य जैसे video films, movies या कोई भी cinematography से सम्बंधित कार्य शामिल है.

6) आर्किटेक्चर ब्लूप्रिंट: एक building के design का blueprint तैयार करना architecture की श्रेणी में आता है.

7) साउंड रिकॉर्डिंग: कोई भी ध्वनि रिकॉर्डिंग जैसे music, podcast या अन्य sounds इसके अंर्तगत आते है.

8) कंप्यूटर प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर: किसी व्यक्ति या आईटी कंपनी द्वारा बनाये गए Software या computer program भी copyrighted होते है.

    Copyright के अंतर्गत आने वाली इन categories को देखे तो ये काफी बढ़े क्षेत्र को protect करती है. इसके अलावा इन कार्यो को duplication से सुरक्षा देने के लिए अलग – अलग types के Copyright Act भी बनाये गए है. आइये देखे ये law एक copyright holder को क्या rights देते है.

    Copyright Holder के Rights

    भारत में Copyright Act 1957 के तहत एक copyright holder को उसके कार्य के लिये विभिन्न types के rights प्रदान होते है. ये कार्य के मालिक को economic और moral rights देने का काम करते है. कॉपीराइट के मालिक के पास अधिनियम के तहत निम्नलिखित अधिकार है:

    • कार्य को reproduce करने का अधिकार. इसके अंतर्गत सिर्फ copyright holder ही protected work की copies बना सकता है. यदि कोई दूसरा इस कार्य को उपयोग करना चाहता है तो उसे पहले owner की permission लेनी होगी.
    • अपने कार्य को distribute करने की स्वतंत्रता का अधिकार. संक्षेप में किसी original work या उसकी copy दूसरों तक कैसे transfer करनी है. अर्थात वह लोगों को free में उपलब्ध होगी या उस पर charge लगाया जाएगा इसका अधिकार भी copyright holder के पास होता है.
    • तीसरा है, कार्य के conversion का अधिकार. अर्थात पहले से मौजूद कार्य को different form में present करना उदाहरण के लिये Kabir Singh Movie एक remake है Telugu movie (Arjun Reddy) का. तो Act के अंतर्गत copyright owner के पास अपने कार्य के adaptation right होते है.
    • इसी प्रकार copyright holder के पास उसके द्वारा किये गए work को different language में translate करने का right भी प्रदान होता है. उदाहरण के लिए किसी English movie को Hindi language में dubbed करने के लिए owner की consent यानी सहमति होनी चाहिये.
    • Copyright owner के पास अपने work को publicly perform करने के rights भी होते है. यानी वे अपने कार्य को broadcast कर सकते है या dramas के माध्यम से लोगों तक पहुंचा सकते है.

    Copyright Infringement क्या है?

    कोई व्यक्ति अगर copyrighted material को बिना owner की permission के use या उसका production करता है, तो उसे Copyright infringement कहते है. इस कानून के तहत एक owner को उसके कार्य के उप्पर exclusive legal rights प्राप्त होते है जो उसे विभिन्न प्रकार के benefits प्रदान करते है. Act के अनुसार कॉपीराइट स्वामी को प्राप्त अधिकारों का उल्लंघन करना अपराध है.

    यदि कोई Copyright violation करता है तो उसके against कई तरह के legal action लिए जा सकते है. इन Copyright-protected work को उपयोग में लेने के लिए आपको owner की permission लेनी होगी. Licensing arrangement के माध्यम से भी कार्यो को इस्तेमाल में लिया जा सकता है.

    कॉपीराइट उल्लंघन के कुछ मुख्य उदाहरण:

    • Copyrighted material को अपने कार्य के लिए उपयोग में लेकर उससे financial benefits लेना.
    • copyrighted work के किसी भी substantial part का reproduction करना किसी दूसरी material form में.
    • बिना owner की permission के उसके content को publicly perform करना.
    • दूसरों को कॉपीराइट की गई सामग्री को resell करना.
    • सामग्री के मालिक की बिना permission के content का adoption या उसे दूसरी भाषा मे translate करना भी Copyright violation माना जाता है.

    कॉपीराइट उल्लंघन से कैसे बचें

    यदि कोई कॉपीराइट का उलंघन करता है तो उसके खिलाफ कानून के अंतर्गत कड़ी कारवाई की जा सकती है. इससे बचने के लिये आप कुछ बातों का ध्यान रखे. ये मान ले कि किसी व्यक्ति द्वारा produce किया गया work, copyright law के अंतर्गत protected हो सकता है. यदि आप किसी original content को उपयोग में लेना चाहते है तो बेहतर ये होगा कि आप copyright holder से permission लें.

      कुछ owner अपने कार्य के reproduction या use के लिए price लेते है. ऐसे भी है जो अनुमति प्राप्त कर सकते है बशर्ते आप उन्हें proper credit दे. तो किसी content को उपयोग में लेने से पहले owner के terms of use को जरूर जांच ले. इसके अलावा copyright laws और rights को समझें और उनके हिसाब से किसी सामग्री को अपने कार्य के लिए उपयोग में लें. सामग्री को fair-use policy के अनुसार उपयोग करे.

      कॉपीराइट सामग्री को कैसे पहचाने?

      अक्सर जब भी आप digital content को अपने कार्य के लिए use करना चाहते तो उसके copyrighted होने की संभावना अधिक होती है. तो आप कैसे पहचाने की कोई सामग्री कॉपीराइट है या नही. हालांकि videos और web content के मामले में ये समस्या नही होती. परन्तु यदि photographs की बात करे तो ये देखना कठिन होता है.

      तो इसके लिए आप सबसे पहले ये मान ले कि हर original creative work जो published है वो Copyrighted हो सकता है. अगर किसी Websites के अंत मे आपको Copyright symbol दिखाई देता तो ये भी इसकी एक पहचान है. इसके अलावा यदि आप copyright free material उपयोग में लेना चाहते है तो कई websites है जहां आप ऐसी सामग्री की खोज सकते है.

      Copyright Act in Hindi

      भारत मे कॉपीराइट कानून Copyright Act 1957 द्वारा शासित है. इसके अंतर्गत owner को उसके कार्य के लिए special rights दिए जाते है. इस law में कई प्रकार के कार्यो को शामिल किया गया है जिन पर Copyright प्राप्त हो सकता है. Act में section 14 के आधार owner को उसके कार्य पर विशेष अधिकार जैसे reproduction right, publication right, adaptation right और translation right दिए जाते है.

      Act के अंतर्गत original work को ही Copyright प्राप्त होगा. इसका अर्थ है ऐसा work जिसे अन्य source से copy नही किया गया. किसी कार्य को Copyright protection उसी वक्त प्राप्त हो जाता है जैसे ही वो कार्य सक्रियता में आता है. इसके लिये registration करवाने की कोई जरूरत नही है हालांकि कार्यो की कुछ विशेष श्रेणी में इसकी जरूरत पड़ती है.

      इस अधिनियन के अंतर्गत owner के कार्य को दो रूपों में protection प्राप्त होती है: Economic rights और Moral rights. Act में ये भी दर्शाया गया है कि यदि कोई मूल कार्यो का duplication करता है तो उसे copyright violation के अंर्तगत सजा दी जा सकती है. अगर आपके कार्य का कोई अपने फायदे के लिए उपयोग करे तो आप अपनी ownership claim कर सकते है.

      भारत के कॉपीराइट अधिनियम 1957 को पूरा समझने के लिए ये पीडीऍफ़ डाउनलोड कर ले.

      Copyright, Patent और Trademark में Difference

      Copyright वो exclusive right है जो किसी person को कानून द्वारा उसके कार्य पर प्राप्त होते है. इसका मूल purpose किसी creative work को duplication से protect करना है ताकि owner को उसके कार्य पर पूरा हक प्राप्त हो सके. ये कानून ऐसे कार्यो पर लागू होता है जो original हो. Copyright owner के रूप में आपको ये rights तभी मिल जाते है जैसे ही content आप create कर देते है.

      Patent, Copyright से थोड़ा different है, ये किसी व्यक्ति के invention को limited period (20 years) के लिये protect करता है. इसकी कुछ शर्ते होती है जैसे invention unique हो उसका कुछ useful purpose हो और सबसे जरूरी वो original होना चाहिये. तो इनके बीच एक बड़ा अंतर ये है कि कॉपीराइट expression of idea पर प्राप्त होता है जबकि Patent किसी invention की technique पर प्राप्त होता है.

        Trademark इन दोंनो से काफी हद different है. ये आमतौर पर एक word, phrase, symbol या design को protect करता है. उदाहरण के लिए trademark किसी product या services पर उपयोग किये जाने वाले brand name और logo की सुरक्षा करता है. Trademark registration करवाने से किसी व्यक्ति को उसके brand name पर ownership का legal right प्राप्त होता है.

        कॉपीराइट के कुछ मुख्य Benefits

        Copyright के कई फायदे है.

        1. owner को उसके original work पर ownership प्रदान करता है. जिससे कार्य के duplication को रोकने में मदद मिलती है.

        2. Registration करवाने पर आपको एक legal protection मिल पाता है. यदि कोई आपके कार्य की copies बनाता है तो आपके पास ownership का public record होता है.

        3. इसकी validity आपके जीवित रहने तक और मृत्यु के बाद 70 year तक रहती है.

        4. Copyright owner अपने work को reproduce कर सकता है साथ ही उसकी copies बनाकर sell भी कर सकता है.

        5. ये allow करता है कि आप infringes यानी उल्लंघनकरता के against एक case file कर सकते है.

        6. Creator को incentive यानी प्रोत्साहन मिलता है और creative work करने के लिए.

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