Computers में जो भी data send और receive हो रहा है, वो 0 और 1 की form में ही होता है. उदाहरण जब कोई भी इंसान एक website को खोलता है तो किसी न किसी एक server पर store होती है. सर्वर आपको वेबसाइट की फाइल zero और ones के संग्रह में भेजता है, जिनको Packets कहा जाता है. एक packet का size लगभग 1000 से 1500 bytes तक हो सकता है. Network पर और भी बहुत सारे computers है, जो दूसरे server से file receive कर रहे हो सकते है जिस वजह से network पर traffic बहुत अधिक होता है. ऐसे में packets को device तक पहुचने के लिये different route ले सकते है. आपके जरिये खोली गई साइट की फाइल कई packets में आप के डिवाइस तक आ रही है और वो भी अलग-अलग मार्ग से. ऐसा में वे सभी आपके डिवाइस तक पहुँचे, इसके लिए Protocols का इस्तेमाल होता है.
Protocols कुछ rules को establish करते है, ताकि packets उनकी सही जगह तक सही सलामत पहुंच पाए. इस लिए इन्हें नियमों का एक समुह भी कह सकते है, जो ये तय करता है कि computers को network पर कैसे communicate करना है. जब सभी packets अपनी destination तक पहुच जाते है, तो protocols उन्हें reassemble कर देती है. और आपके सामने वह Site खुल जाती है.
Protocols कुछ rules को establish करते है, ताकि packets उनकी सही जगह तक सही सलामत पहुंच पाए. इस लिए इन्हें नियमों का एक समुह भी कह सकते है, जो ये तय करता है कि computers को network पर कैसे communicate करना है. जब सभी packets अपनी destination तक पहुच जाते है, तो protocols उन्हें reassemble कर देती है. और आपके सामने वह Site खुल जाती है.
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